Diwali Essay in Sanskrit 10 lines
- दीपावली हिन्दुनां बृहत्तमः उत्सवः अस्ति ।
- अयं उत्सवः महता धूमधामेन आचर्यते ।
- अस्मिन् दिने सर्वे पाठाखे त्यजन्ति।
- सर्वे जाना: मिष्टान्नं वितरामः।
- अस्मिन् उत्सवे लक्ष्मीगणेशः पूज्यते।
- सर्वे स्वगृहेषु दीपं प्रज्वालयन्ति।
- सर्वे स्वगृहाणि चित्रयन्ति, वर्णयन्ति च।
- अस्मिन् दिने नूतनानि वस्त्राणि निर्मीयन्ते।
- सर्वे खुसियान् मनटीः सन्ति।
- परस्परं द्रष्टुं गच्छन्तु।

Diwali Essay in Sanskrit
Diwali Essay in Sanskrit , दीपावली, दीपमालिका, दीपोत्सवः , दिवाली, अस्माकं देशे भारतवर्षे बहवः उत्सवाः- – धार्मिकाः, सामाजिकाः, राष्ट्रियाः केचिच्च महापुरुषजन्मोत्सवाः सन्ति । तेषु उत्सव दीपावली-महोत्सवः, होलिकोत्सवः रक्षाबन्धनं, ईद, स्वतन्त्रता दिवसः गणतन्त्रदिवसः, गान्धीजयन्ती आदयः प्रमुखाः सन्ति । दीपमालिका हिन्दूनां एकतमः पवित्रतमः धार्मिक उत्सवः अस्ति ।
कार्तिक मासस्य अमावस्यायां दीपावली महोत्सवः समायाति । भारते दीपावली महोत्सवस्यैकं विशिष्टं महत्त्वम् विद्यते ।सुप्रसिद्धेषु चतुः संख्याकेषु महोत्सवेषु वैश्य – वर्गस्यायं महोत्सव इति कथयन्ति जनाः। ब्राह्मणानां यथा श्रावणी पर्व, क्षत्रियाण दशहरा पर्व, शूद्राणाम् होलिका पर्व, वैश्यानां तथैव दीपावली पर्व, किन्तु नेवं शास्त्रमर्यादायामवस्थितः सिद्धान्तः। दीपावल्या: कतिपय दिवसपूर्वमेव जनाः नगराणिग्रामाश्चालंकुर्वन्ति स्वच्छयन्ति च । गृहाणि सुबया धवली कुर्वन्ति, मनोहरैश्चित्रैरन्यैश्च भित्तिकादीन्यलंकुर्वन्ति। दीपावल्या महोत्सवः बलिराज्ये समभवत् । देव प्रार्थनया भगवता वामनावतारमाकलय्य बलिराज्यमङ्गीकृतमासित्।
भविष्योत्तर पुराणे प्रमाणं विद्यते—
पुरा वामनरूपेण प्रार्थयित्वा धरामिमाम् ।
ददावतिथिरिन्द्राय बलिं पाताल-वासिनम् ॥
दीपमालिका महोत्सवे बालाः स्त्रियः युवकाः सर्वेऽपि प्रसन्नाः भवन्ति । दीपानां पङ्कतयोऽपूर्वा कामपि शोभां दधते। मुम्बई प्रभृति बृहन्नगराणि च विद्युतोऽतिशयतेजसा देदीप्यमाना भवन्ति । अस्मिन् महामहनीये महोत्सवः एकः अपिस्थानं कृतवान्। केचन् मूर्खाः अस्मिन् दिने द्यूतक्रीडया लक्ष्मिमधिगन्तुमिहन्ते ते कलङ्कभाजनानि सन्ति।
(Diwali Essay in Sanskrit) का अर्थ हिन्दी में
हमारे भारत देश में कई त्यौहार हैं- - धार्मिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और कुछ महान हस्तियों के जन्मदिन। इन त्योहारों में दिवाली, होली, रक्षा बंधन, ईद, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती शामिल हैं। दीपमालिका हिंदुओं के सबसे पवित्र धार्मिक त्योहारों में से एक है।
कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का त्योहार आता है। दिवाली का त्योहार भारत में सबसे विशिष्ट महत्व रखता है। लोग कहते हैं कि यह वैश्य वर्ग के चार प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। ब्राह्मणों के लिए श्रावणी का पर्व, क्षत्रियों के लिए दशहरा का पर्व, शूद्रों के लिए होलिका का पर्व, वैश्यों के लिए दीवाली का पर्व, लेकिन यह शास्त्रों की सीमा के भीतर का सिद्धांत नहीं है।
दिवाली के कुछ दिन पहले लोग शहरों और गांवों को सजाते और साफ करते हैं। वे सुंदर चित्रों से घरों की सफेदी करते हैं और दीवारों तथा अन्य चीजों को सजाते हैं बाली राज्य में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। भगवान, प्रार्थना के द्वारा, भगवान ने वामन का अवतार लेकर बाली का राज्य स्वीकार किया।
उत्तर भविष्य पुराण में प्रमाण है-
अतीत में, वामन के रूप में, उन्होंने इस पृथ्वी के लिए भगवान से प्रार्थना की। अतिथि ने पाताल लोक के निवासी बाली महाराज, बाली महाराज को अर्पित किया।
दीपमालिका महोत्सव के दौरान बच्चे, महिलाएं और युवा सभी खुश हैं। दीपों की पंक्तियाँ कामना को भी अपूर्व सौन्दर्य प्रदान करती हैं बड़े शहर, जैसे मुंबई, अत्यधिक बिजली से जगमगाते हैं। एक इस महापर्व में भी हुआ कुछ मूर्ख जो इस दिन जुआ खेलकर धन कमाने का प्रयास करते हैं वे कलंक के पात्र हैं।Diwali Essay in Sanskrit
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