Swachh bharat abhyan भारत जैसे विशाल देश में स्वच्छता की समस्या कोई नई नहीं है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए एक महत्त्वपूर्ण पहल की गई, जिसका नाम है “स्वच्छ भारत अभियान”। इस अभियान का उद्देश्य न केवल सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई है, बल्कि जागरूकता फैलाकर लोगों को स्वच्छता के महत्त्व को समझाना है।
स्वच्छता के अभाव के प्रभाव
जब हम गली-मोहल्ले की सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर कचरे के ढेर देखते हैं, तो यह न सिर्फ हमारे वातावरण को प्रदूषित करता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य को भी हानि पहुँचाता है।
- गंदे स्थानों पर कीटाणुओं का विकास होता है जो गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं।
- नाले और नालियाँ जाम होने से जल जमाव होता है जिससे मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है, और मलेरिया तथा डेंगू जैसी बीमारियों का प्रसार होता है।
- गंदगी की वजह से पर्यावरण प्रदूषित रहता है जिससे लंबी अवधि में प्राकृतिक संसाधनों की क्षति होती है।
स्वच्छ भारत अभियान: Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi
“स्वच्छ भारत अभियान” की पहल ने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। इस अभियान के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ और योजनाएँ चलाई गईं जिससे लोगों को इस बात का अहसास हो कि साफ-सफाई केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक का फर्ज है।
अभियान का मुख्य लक्ष्य
स्वच्छ भारत अभियान के कई लक्ष्यों में से कुछ महत्वपूर्ण हैं:
- 2022 तक भारत को खुले में शौच से मुक्त करना।
- ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को बढ़ावा देना।
- स्वच्छता के प्रति लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाना।
विभिन्न प्रयास और योजनाएँ
यह अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें व्यक्तिगत स्तर पर योगदान देने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।
स्वच्छता के प्रति जागरूकता
अभियान के दौरान विभिन्न माध्यमों से लोगों को शिक्षित किया गया:
- मीडिया के माध्यम से विचारशील विज्ञापनों का प्रसारण।
- स्कूलों और कॉलेजों में स्वच्छता सम्बंधी कार्यशालाएँ आयोजित करना।
- स्थानीय समितियों द्वारा स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना।
व्यक्तियों और समुदाय का योगदान
स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का एक प्रमुख कारण है सामुदायिक भागीदारी। विशेषकर युवाओं और छात्रों ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने:
- स्वच्छता रैलियों का आयोजन किया।
- सार्वजनिक स्थानों की सफाई के लिए श्रमदान किया।
- स्वच्छता सम्बन्धी प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
आखिरी विचार
“स्वच्छ भारत अभियान” की वजह से देश में स्वच्छता के प्रति एक नई सोच विकसित हुई है। यह अभियान आज भी जारी है और इसके माध्यम से हम एक स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत के निर्माण की दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं।
स्वच्छता न केवल हमारे परिवेश की भलाई के लिए ज़रूरी है, बल्कि यह हमारे स्वयं के स्वास्थ्य और सुखद जीवन के लिए भी अनिवार्य है।
जब हम अपने परिवेश को स्वच्छ रखने का प्रण लेते हैं, तो हम न केवल अपने आस-पास के वातावरण को साफ-सुथरा रखते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वास्थ्यवर्धक भविष्य का निर्माण भी करते हैं। biographyrp.com