Mam Priya Kavi Sanskrit Nibandh | मम प्रिय कवि संस्कृत निबंध

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Mam Priya Kavi Sanskrit Nibandh

Mam Priya Kavi Sanskrit Nibandh

संस्कृतसाहित्ये अनेके महाकविः अभवन्, येषु कालिदासः, तुलसीदासः, सूरदासः, जयदेवः, अन्ये भक्तिकालस्य कवयः प्रमुखाः सन्ति । एतैः सर्वैः कविभिः स्वकृतैः संस्कृतसाहित्यं समृद्धं कृतम् ।

मम प्रियः कविः कालिदासः अस्ति। कालिदासः संस्कृतसाहित्यस्य पराकाष्ठा इति मन्यते । महाकाव्य-नाट्य-नाट्य-गद्य-विधासु सर्वेषु कृतयः सः रचितवान् । प्रकृतेः, प्रेम-दर्शनस्य च सुन्दराणि वर्णनानि तस्य ग्रन्थेषु प्राप्यन्ते ।

कालिदासस्य मम प्रियं रचना “अभिज्ञानशकुन्तलम्” अस्ति। इदं नाटकं प्रेमस्य मनोविज्ञानस्य च अद्भुतं उदाहरणम् अस्ति । अस्मिन् शकुन्तला-दुष्यन्तयोः प्रेमकथा वर्णिता अस्ति । इयं कथा अद्यत्वे यथा प्राचीनकाले अपि प्रासंगिका अस्ति ।

कालिदासस्य अन्ये अपि कृतयः मम बहु रोचन्ते। तस्य “कुमारसंभवम्” “रघुवंशम्” इति महाकाव्यग्रन्थेषु भारतीयसंस्कृतेः इतिहासस्य च सुन्दरं वर्णनं प्राप्यते । तस्य लघुकाव्यग्रन्थे “ऋतुसंहारम्” इति प्रकृतेः आकर्षकं चित्रणं दृश्यते । तथा च तस्य गद्यग्रन्थे “मेघदूतम्” इत्यत्र प्रकृतेः विरहस्य च मार्मिकं वर्णनं दृश्यते।

कालिदासस्य कृतयः मम बहु प्रभावं कृतवन्तः। तस्य कृतीभ्यः अहं बहु किमपि ज्ञातवान्। तस्य वचने शक्तिः अस्ति या मनः गृह्णाति। अहं तस्य कृतीः पुनः पुनः पठामि तथा च प्रत्येकं किमपि नूतनं ज्ञायते।

कालिदासः मम प्रियः कविः यतः तस्य कृतयः सुन्दराः, रोचकाः, प्रेरणादायकाः च सन्ति । अद्यत्वे अपि तस्य ग्रन्थाः प्राचीनकालेषु यथा प्रासंगिकाः आसन् । Mam Priya Kavi Sanskrit Nibandh

मम प्रिय कवि कालिदास संस्कृत निबंध का हिन्दी अनुवाद

संस्कृत साहित्य में अनेक महान कवि हुए हैं, जिनमें कालिदास, तुलसीदास, सूरदास, जयदेव, और भक्तिकाल के अन्य कवि प्रमुख हैं। इन सभी कवियों ने अपनी रचनाओं से संस्कृत साहित्य को समृद्ध किया है। Mam Priya Kavi Sanskrit Nibandh

मेरा प्रिय कवि कालिदास हैं। कालिदास को संस्कृत साहित्य का शिखर माना जाता है। उन्होंने महाकाव्य, खंडकाव्य, नाटक, और गद्य सभी विधाओं में रचनाएँ की हैं। उनकी रचनाओं में प्रकृति, प्रेम, और दर्शन का सुंदर वर्णन मिलता है। Mam Priya Kavi Sanskrit Nibandh

कालिदास की रचनाओं में से मेरी सबसे प्रिय रचना “अभिज्ञानशाकुंतलम्” है। यह नाटक प्रेम और मनोविज्ञान का एक अद्भुत उदाहरण है। इसमें शकुंतला और दुष्यंत के प्रेम की कहानी का वर्णन है। यह कहानी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी कि प्राचीन काल में थी। Mam Priya Kavi Sanskrit Nibandh

कालिदास की अन्य रचनाएँ भी मुझे बहुत पसंद हैं। उनकी महाकाव्य रचनाओं “कुमारसंभवम्” और “रघुवंशम्” में भारतीय संस्कृति और इतिहास का सुंदर वर्णन मिलता है। उनकी खंडकाव्य रचना “ऋतुसंहारम्” में प्रकृति का मनमोहक चित्रण है। और उनकी गद्य रचना “मेघदूतम्” में प्रकृति और विरह का मार्मिक वर्णन है।

कालिदास की रचनाओं ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। उनकी रचनाओं से मैंने बहुत कुछ सीखा है। उनके शब्दों में एक ऐसी शक्ति है जो मन को मोह लेती है। मैं उनकी रचनाओं को बार-बार पढ़ता हूं और हर बार मुझे कुछ नया लगता है। Mam Priya Kavi Sanskrit Nibandh

कालिदास मेरे प्रिय कवि हैं क्योंकि उनकी रचनाएँ सुंदर, रोचक, और प्रेरणादायक हैं। उनकी रचनाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी कि प्राचीन काल में थीं।digitallycamera.com, anayasha.com

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