देवतात्मा हिमालयः | Devatatma Himalayah

Devatatma Himalayah, हिमालय:, हिमालय का संस्कृत निबंध इस प्रकार से लिखेंगे।

Devatatma Himalayah Ka Sanskrit Nibandha

हिमालयः भारतस्य उत्तरस्यां दिशि स्थितः संसारस्य पर्वतषु उत्तुङ्गतमस्यास्य गिरेः उच्छ्रिताः शिखरमालाः सर्वदा एव हिमाच्छादिताः तिष्ठन्ति तस्मात् एव अयं हिमालयः कथ्यते अस्य शिखराणि देशीयानां विदेशीयानां च आकर्षणकेन्द्राणि अपि वर्तन्ते हिमालयाएव गंगा-यमुना- शतद्रु-सरयु प्रमृतयः नद्यः निःसृत्य प्रवहन्ति । अस्य उपत्यकासु बहुप्रकाराणि फलानि उत्पद्यन्ते, नानाविधा खगमृगाश्च वसन्ति।हिमालयस्य उपत्यकायां कश्मीरो नाम प्रदेशः विद्यते। अयं प्रदेशः स्वकीयेन प्राकृतिक सौन्दर्येण भूस्वर्गः कथ्यते।

कश्मीर प्रदेशात् पूर्वस्यां दिशि किन्नरदेशः स्थितः अयमेव प्राचीनसाहित्ये ‘देवभूमि’ नाम्ना प्रसिद्ध आसीत्। हिमालयः अस्माकं देशस्य कः वर्तते। दीर्घकालं यावदसौ पर्वतः प्रहरीव स्थिते भारतस्य रक्षा अकरोत् किन्तु अद्यत्वे तु अस्य रक्षा भारतेन करणीया आपातिता, यतो हि अस्माकं प्रतिवेशी चीनदेशः कश्चिद् भूभागं स्वकीयं कृत्वा यदाकदा भारतीयसीम्न उल्लङ्घनं हिमालयस्य पारात् करोति। अनेक अस्माकं शूराः अस्यदिवानिशं दृढ़ तिष्ठन्तो रक्षन्ति । अतः कश्चिदपि शत्रुः एनम् उल्लंघ्य भारते नागन्तु |. शक्नोति। भारतवर्षस्य सुखं समृद्धिश्च हिमालयैव अधीना।

Devatatma Himalayah का अर्थ हिन्दी में

हिमालय भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। दुनिया में इस पर्वत की सबसे ऊंची चोटियां हमेशा बर्फ से ढकी रहती हैं। इसकी चोटियां स्थानीय और विदेशियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं। इसकी घाटियों में अनेक प्रकार के फल और अनेक प्रकार के पक्षी और पशु उत्पन्न होते हैं।हिमालय की तराई में कश्मीर नाम का एक क्षेत्र है । इस क्षेत्र को अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ धरती का स्वर्ग कहा जाता है।

कश्मीर के क्षेत्र के पूर्वी भाग में स्थित किन्नरा देश को प्राचीन साहित्य में ‘देवभूमि’ के नाम से जाना जाता था। हमारे देश में हिमालय कौन है? लंबे समय तक उस पहाड़ ने पहरेदार बनकर खड़े होकर भारत की रक्षा की लेकिन आज उसे भारत की ओर से उसकी रक्षा करने की धमकी दी गई है, क्योंकि हमारा पड़ोसी चीन कभी-कभी किसी क्षेत्र पर कब्जा करके हिमालय के उस पार भारतीय सीमा को पार कर जाता है। हमारे कई वीर दिन-रात डटे रहते हैं और इसकी रक्षा करते हैं। अतः कोई शत्रु इसे पार करके भारत में प्रवेश न करे | टीन का डिब्बा। भारत की सुख समृद्धि हिमालय पर निर्भर है ।

इसे भी पढ़ें

देवतात्मा हिमालयः का संस्कृत में निबंध Click Here
होलिकोत्सवः का संस्कृत में निबंधClick Here
तीर्थराज प्रयागः का संस्कृत में निबंधClick Here
विद्याधनम् सर्व धनं प्रधानम् का संस्कृत में निबंधClick Here
संस्कृत में सभी फलों के नामClick Here
प्रत्यय किसे कहते हैं , परिभाषा, प्रकार और भेद उदाहरण सहितClick Here
शब्द रूप संस्कृत मेंClick Here
संस्कृत में निबंध कैसे लिखेंClick Here
Shabd Roop In Sanskrit

Holikotsav | होलिकोत्सवः सन्तोषः परम् सुखम् | Santosham Param Sukham Sanskrit Nibandha, anayasha.com ,biographyrp.com Digitallycamera.com

54 thoughts on “देवतात्मा हिमालयः | Devatatma Himalayah”

  1. Pingback: Sahajan Ke Fayade
  2. Pingback: Sanskrit Shlokas
  3. Pingback: Mam Priy Pustakam

Leave a Comment